लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री श्री अतुल मिश्रा ने बताया कि जय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने का आदेश जारी हो चुका है। एक अगस्त को यह आदेश जारी हुआ है। साथ ही उन्होंने डिप्टी सीएम और प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय समेत अन्य चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मियों का वेतन एसजीपीजीआई कर्मचारियों के बराबर करने की मांग की है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री श्री अतुल मिश्रा जी ने जानकारी देते हुए बताया कि 1 अगस्त 2024 को एसजीपीजीआई में सेवा प्रदाता के माध्यम से कार्यरत कर्मियों का वेतन उच्चीकृत करने का आदेश जारी कर दिया गया है। संस्थान के इस निर्णय को सराहनीय कार्य बताया है। साथ ही उन्होंने उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक व प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा को पत्र भेजकर अन्य चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए माँग भी की है।
डिप्टी सीएम को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने भेजा पत्र
उन्होंने पत्र में लिखा है कि सेवा प्रदाता के माध्यम से केजीएमयू सहित प्रदेश के समस्त चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत अल्प वेतन भोगी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुये एसजीपीजीआई की भांति वेतन उच्चीकृत कराया जाये।
जिससे इस भीषण महंगाई के दौर में कर्मी अपने परिवार व बच्चो का भरण पोषण, शिक्षा की व्यवस्था कर सके। ऐसा होने से कर्मी पूर्ण मनोयोग से जनता की सेवा कर सकेंगे । यह वही कर्मी है जिन्होंने अपने जान को जोखिम में डाल कर कोविड जैसी महामारी में प्रदेश की जनता की सेवा की और कई शहीद भी हो गये ।
वर्तमान में इन कर्मचारियों को 7000 से लेकर 15000 रूपये वेतन मिल रहा है और सरकार भी इसके बारे में भली भाँति है कि इतने कम वेतन में आउटसोर्स कर्मी अपने परिवार का भरण पोषण और बच्चों की शिक्षा इत्यादि कैसे करेगा। इसलिए मानवीय दृष्टिकोण से भी इनका वेतन बढ़ना चाहिए।
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